अकसर जब हम Slums के बारे में सोचते हैं तो हमारे दिमाग में संकरी गलियां, 8’x8’ की झुग्गी और कूड़ें के बीच खेलते बच्चे हमारे दिमाग में आते हैं. ऐसा माना जाता है ये बच्चे दिशाहीन होते हैं. पर हमेशा ऐसा नहीं होता. इन बच्चों की आंखों में भी सपने बसते हैं. एक ही बच्चे थे Sandeep Kumar. Sandeep Kumar एक गांव से निकलकर अपने माता-पिता के साथ Delhi आए. यह वह अपने परिवार के साथ एक झुग्गी में रहते थे. Slum मेंं रहते-रहते Sandeep को कूड़ा उठाने, नशा करने की और भी कई दूसरी खराब आदतें लग गई. उनका पढ़ाई में ध्यान नहीं लगता था। पर एक दिन उनकी मुलाकात sylvester नाम के एक व्यक्ति से हुई जिन्होनें Sandeep के जीवन को नई दिशा दी और Sandeep ने कूड़ा उठाना छोड़कर Government Job की तैयारी शुरु कर दी। आज Sandeep Indian Bank में Chief Cashier के तौर पर काम कर कर रहें।